स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय ! Biography Of Swami Vivekananda in Hindi - JANGIR ACADEMY | Online Study Portal

Tuesday, January 11, 2022

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय ! Biography Of Swami Vivekananda in Hindi

 Swami Vivekananda Biography(12 जनवरी 1863 - 4 जुलाई 1902) 

Swami Vivekananda Biography(12 जनवरी 1863 - 4 जुलाई 1902)


जन्म: 12 जनवरी 1863 कलकत्ता
मृत्यु: 4 जुलाई 1902 (उम्र 39) बेलूर मठ, बंगाल रियासत, ब्रिटिश राज
गुरु/शिक्षक: श्री रामकृष्ण परमहंस
दर्शन: आधुनिक वेदांत, राज योग
कथन: "उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये"

स्वामी विवेकानंद के जन्म दिन को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है| इस दिन स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था| राष्ट्रीय युवा दिवस भारत के उन युवाओं व नौजवानों को समर्पित एक खास दिन है, जो देश के भविष्य को बेहतर और स्वस्थ बनाने का क्षमता रखते हैं|


स्वामी विवेकानंद का जन्म:  

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ| स्वामी विवेकानंद का मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था| उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे| दुर्गाचरण दत्ता, (नरेंद्र के दादा) संस्कृत और फ़ारसी के विद्वान थे| विवेकानंद जी को कम उम्र से ही अध्यात्म में रुचि हो गई थी| वह वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे| 25 साल की आयु में अपने गुरु से प्रभावित होकर नरेंद्रनाथ ने सांसारिक मोह माया त्याग दी और संयासी बन गए| संन्यास लेने के बाद उनका नाम विवेकानंद पड़ा था| 


शिक्षा: 

सन् 1871 में, आठ साल की उम्र में, नरेन्द्रनाथ ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया जहाँ वे स्कूल गए| 1877 में उनका परिवार रायपुर चला गया था| 1879 में, कलकत्ता में अपने परिवार की वापसी के बाद, वह एकमात्र छात्र थे जिन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज प्रवेश परीक्षा में प्रथम डिवीजन अंक प्राप्त किये थे| वे दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला और साहित्य सहित विषयों के एक उत्साही पाठक थे| इनकी वेद, उपनिषद, भगवद् गीता, रामायण, महाभारत और पुराणों के अतिरिक्त अनेक हिन्दू शास्त्रों में गहन रूचि थी| 


नरेंद्र ने पश्चिमी तर्क, पश्चिमी दर्शन और यूरोपीय इतिहास का अध्ययन जनरल असेम्बली इंस्टिटूशन (अब स्कॉटिश चर्च कॉलेज) में किया था| 1881 में इन्होंने ललित कला की परीक्षा उत्तीर्ण की, और 1884 में कला स्नातक से डिग्री ली| उन्होंने स्पेंसर की किताब एजुकेशन (1860) का बंगाली में अनुवाद किया था|


ब्रह्म समाज का प्रभाव:

1880 में नरेन्द्र, ईसाई से हिन्दू धर्म में रामकृष्ण के प्रभाव से परिवर्तित केशव चंद्र सेन की नव विधान में शामिल हुए| 1881-1884 के दौरान ये सेन्स बैंड ऑफ़ होप में भी सक्रीय रहे जो धूम्रपान और शराब पीने से युवाओं को हतोत्साहित करता था|


उनके प्रारम्भिक विश्वासों को ब्रह्म समाज ने जो एक निराकार ईश्वर में विश्वास और मूर्ति पूजा का प्रतिवाद करता था, ने प्रभावित किया और सुव्यवस्थित, युक्तिसंगत, अद्वैतवादी अवधारणाओं , धर्मशास्त्र ,वेदांत और उपनिषदों के एक चयनात्मक और आधुनिक ढंग से अध्यन पर प्रोत्साहित किया| 


शिकागो सम्मेलन:  

25 वर्ष की आयु में नरेन्द्र ने गेरुआ वस्त्र धारण कर पैदल ही पूरे भारतवर्ष की यात्रा पर निकाल गए थे| विवेकानंद ने 31 मई 1893 को अपनी यात्रा शुरू की और जापान के कई शहरों (नागासाकी, कोबे, योकोहामा, ओसाका, क्योटो और टोक्यो समेत) का दौरा किया| चीन और कनाडा होते हुए अमेरिका के शिकागो पहुँचे सन्‌ 1893 में शिकागो (अमरीका) में विश्व धर्म परिषद् हो रही थी| 


स्वामी विवेकानन्द विश्व धर्म परिषद् में भारत के प्रतिनिधि के रूप में पहुँचे थे| वहाँ लोगों ने बहुत प्रयत्न किया कि स्वामी विवेकानन्द को सर्वधर्म परिषद् में बोलने का समय ही न मिले| परंतु एक अमेरिकन प्रोफेसर के प्रयास से उन्हें थोड़ा समय मिल पाया| उस परिषद् में उनके विचार सुनकर सभी विद्वान चकित हो गये| उसके बाद तीन वर्ष वे अमरीका में रहे और वहाँ के लोगों को भारतीय तत्वज्ञान की अद्भुत ज्योति प्रदान की|


मृत्यु: 

विवेकानंद जी जीवन के अन्तिम दिन उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की व्याख्या की और कहा-"एक और विवेकानन्द चाहिये, यह समझने के लिये कि इस विवेकानन्द ने अब तक क्या किया है|" 4 जुलाई 1902 को भी उन्होंने अपनी ध्यान करने की दिनचर्या को नहीं बदला और प्रात: दो तीन घण्टे ध्यान किया और ध्यानावस्था में ही अपने ब्रह्मरन्ध्र को भेदकर महासमाधि ले ली|


बेलूर में गंगा तट पर चन्दन की चिता पर उनकी अंत्येष्टि की गयी थी| इसी गंगा तट के दूसरी ओर उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का सोलह वर्ष पूर्व अन्तिम संस्कार किया गया था|


महत्त्वपूर्ण तिथियाँ: 

  • 12 जनवरी 1863 - कलकत्ता में जन्म
  • 1879 - प्रेसीडेंसी कॉलेज कलकत्ता में प्रवेश
  • नवम्बर 1881 - रामकृष्ण परमहंस से प्रथम भेंट
  • 1884 - स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण; पिता का स्वर्गवास
  • 16 अगस्त 1886 -- रामकृष्ण परमहंस का निधन
  • 1886 -- वराहनगर मठ की स्थापना
  • 31 मई 1893 -- मुम्बई से अमरीका रवाना
  • 25 जुलाई 1893 -- वैंकूवर, कनाडा पहुँचे
  • 30 जुलाई 1893 -- शिकागो आगमन
  • 11 सितम्बर 1893 -- विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में प्रथम व्याख्यान
  • 27 सितम्बर 1893 -- विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में अन्तिम व्याख्यान
  • नवंबर 1894 -- न्यूयॉर्क में वेदान्त समिति की स्थापना
  • अगस्त 1895 -- पेरिस में
  • अक्टूबर 1895 -- लन्दन में व्याख्यान
  • मई-जुलाई 1896 -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान
  • 30 दिसम्बर 1896 -- नेपाल से भारत की ओर रवाना
  • 15 जनवरी 1897 -- कोलम्बो, श्रीलंका आगमन
  • जनवरी, 1897 -- रामनाथपुरम् (रामेश्वरम) में जोरदार स्वागत एवं भाषण
  • 1 मई 1897 -- रामकृष्ण मिशन की स्थापना
  • 19 मार्च 1899 -- मायावती में अद्वैत आश्रम की स्थापना
  • 22 फ़रवरी 1900 -- सैन फ्रांसिस्को में वेदान्त समिति की स्थापना
  • 26 नवम्बर 1900 -- भारत रवाना
  • 9 दिसम्बर 1900 -- बेलूर मठ आगमन
  • 10 जनवरी 1901 -- मायावती की यात्रा
  • मार्च-मई 1901 -- पूर्वी बंगाल और असम की तीर्थयात्रा
  • जनवरी-फरवरी 1902 -- बोध गया और वाराणसी की यात्रा
  • मार्च 1902 -- बेलूर मठ में वापसी
  • 4 जुलाई 1902 -- महासमाधि


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