नाथूराम गोडसे का जीवन परिचय / Biography of Nathuram Godse - JANGIR ACADEMY | Online Study Portal

Saturday, January 29, 2022

नाथूराम गोडसे का जीवन परिचय / Biography of Nathuram Godse

नाथूराम विनायक गोडसे (19 मई 1910 - 15 नवंबर 1949) नाथूराम विनायक गोडसे (19 मई 1910 - 15 नवंबर 1949)

जन्म: 19 मई 1910 (बारामती, पुणे, भारत)
पिता: विनायक वामनराव गोडसे
माता: लक्ष्मी (नव गोदावरी)
मृत्यु: 15 नवम्बर 1949 (अम्बाला जेल, पंजाब,)  
मृत्यु का कारण : फाँसी(महात्मा गांधी की हत्या)
राष्ट्रीयता: भारतीय

नाथूराम विनायक गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी थे| जिन्होंने 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में बिंदु रिक्त सीमा पर गांधी को तीन बार सीने में गोली मार दी थी| अत: वे महात्मा गांधी के हत्यारे थे| गोडसे का मानना था कि गांधी ने भारत के विभाजन के दौरान भारत के मुसलमानों की राजनीतिक मांगों का समर्थन किया|


जन्म:

नाथूराम विनायकराव गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को एक मराठी चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था| उनके पिता का नाम विनायक वामनराव गोडसे था जो एक डाक कर्मचारी थे, उनकी माँ लक्ष्मी (नव गोदावरी) थीं| गोडसे का जन्म का नाम रामचंद्र था| गोडसे के जन्म से पहले, उनके माता-पिता के तीन बेटे और एक बेटी थी, तीनों लड़कों की बचपन से ही मृत्यु हो गई| 


गोडसे ने पांचवीं तक बारामती में स्थानीय स्कूल में पढाई की, उसके बाद उन्हें पुणे में एक चाची के साथ रहने के लिए भेजा गया ताकि वह एक अंग्रेजी भाषा के स्कूल में पढ़ सकें| गोडसे हाई स्कूल से बाहर हो गया और हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदू महासभा के साथ एक कार्यकर्ता बन गये| 


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आरएसएस की सदस्यता कब ली?  

नाथूराम गोडसे सन1932 में एक संघी कार्यकर्ता के रूप में सांगली (महाराष्ट्र) में आरएसएस में शामिल हुए| इस दौरान, गोडसे और एमएस गोलवलकर, एक साथ काम करते थे, और उन्होंने बाबाराव सावरकर की पुस्तक "राष्ट्र मीमांसा" का अंग्रेजी में अनुवाद किया था| गोडसे ने 1942 के विजयादशमी के दिन अपना संगठन "हिंदू राष्ट्र दल बनाया|


गोडसे के 1946 के दावे को गांधी की हत्या के बाद मराठी में उनके पहले बयान से भी खारिज कर दिया गया है, जहां वह कहते हैं कि जब वह हिंदू महासभा में शामिल हुए, "मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय रहा।"


गाँधी जी की हत्या (Gandhi’s Assassination)

30 जनवरी 1948 जब गाँधी जी रोज की तरह शाम की प्रार्थना कर रहे थे| उस समय करीब 5:15 बजे गोडसे आते है और सीधे गाँधी जी पास आकर उनके सीने में 3 गोलियां चला देते है| जिस पिस्तौल से गाँधी पर गोलियां चलाई थीं, वह बियरट्टा एम 1934 सेमी – आटोमेटिक पिस्तौल थी|  


गाँधी जी की मृत्यु के बाद देश में दंगे शुरू हो गए थे| ब्राह्मण एवं मुस्लिमों के बीच बहुत मारा – मारी हुई| मुख्य रूप से महाराष्ट्र के सांगली एवं मिराज क्षेत्रों में, इस दंगे में ब्राह्मणों के घर जला दिए गये| 


नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा:

गोडसे को पंजाब उच्च न्यायालय, पीटरहॉफ, शिमला में परीक्षण के लिए रखा गया था| जहाँ 8 नवंबर 1949 को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई| यद्यपि गांधी के दो पुत्रों, मणिलाल गांधी और रामदास गांधी द्वारा सजा कम करने की दलीलें दी पेश की जिसे भारत सरकार ने ठुकरा दिया| जिसके बाद गोडसे को 15 नवंबर 1949 अंबाला में फांसी दे दी गई|  


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