Literature of Rajasthan(राजस्थान का साहित्य) Rajasthan GK ! For Rajpolice, Patwar, Reet Etc - JANGIR ACADEMY | Online Study Portal

Monday, October 19, 2020

Literature of Rajasthan(राजस्थान का साहित्य) Rajasthan GK ! For Rajpolice, Patwar, Reet Etc

राजस्थान का साहित्य(Literature of Rajasthan)

Literature of Rajasthan(राजस्थान का साहित्य) Rajasthan GK ! For Rajpolice, Patwar, Reet Etc


इस पोस्ट में राजस्थान के साहित्य का  विस्तृत वर्णन किया गया है | राजस्थान  के साहित्य  (Literature of Rajasthan)के  बारे में राजस्थान की लगभग हर  ए
ग्जाम में प्रश्न पूछे जाते है जैसे कि राजस्थान पुलिस, पटवार,रीट,एसआई आदि | 
आगामी समय में राजस्थान लेवल की सभी एग्जाम के लिए ये टॉपिक काफी महत्वपूर्ण है ......


राजस्थान में साहित्य संस्कृत तथा प्राकृत भाषा में लिखा मिलता है। पूर्व मध्ययुग (700-1000 ई.) में अपभ्रंश भाषा के विकास के कारण इसमें भी साहित्य लिखा गया था।  कुछ विद्वान मानते हैं कि प्राकृत भाषा से डिगंल तथा डिंगल से गुजराती और मारवाडी़ भाषाओं का विकास हुआ। संस्कृत से पिंगल तथा इससे ब्रज और खडी़ हिन्दी का विकास हुआ था।

- जैन कवियों के ग्रन्थों की भाषा भी मरू भाषा है। 
- डाॅ. सुनीति कुमार चटर्जी ने राजस्थानी भाषा के लिए डिगंल अथवा मारवाडी़ भाषा का प्रयोग किया।
- आठवी शताब्दी में उद्योतन सूरि ने अपनें ग्रन्थ कुवलयमाला में मरू, गुर्जर, लाट और मालवा प्रदेश की भाषाओं का उल्लेख किया है। 
- भाषा विद्वानों के अनुसार राजस्थान की प्रमुख भाषा मरू भाषा है। मरूभाषा को ही मरूवाणी तथा मारवाड़ी कहा जाता है।
 
राजस्थानी की कृतियों को 4 भागों में विभक्त किया जा सकता है:- 
(1) चारण साहित्य 
(2) जैन साहित्य 
(3) संत साहित्य 
(4) लोक साहित्य

(1) चारण साहित्य :-

-  राजस्थानी भाषा का सबसे समृद्व साहित्य चारण साहित्य है।
- चारण कवियों ने ही इसका लेखन किया है। 
- यह साहित्य वीर रस से ओत -प्रोत है।
- यह साहित्य प्रबन्ध काव्यों, गीतों, दोहों, सौरठों, कुण्डलियोें, छप्पयों, सवैयों आदि छन्दों में मिलता है।
- चारण साहित्य में अचलदास खींची री वचनिका, पृथ्वीराज रासो, सूरज प्रकाश, वंशभास्कर, बाकीदास ग्रन्थावली आदि प्रमुख कृतियाँ मिलती हैं।

(2) जैन साहित्य :- 

- इस साहित्य में वह साहित्य आता है, जो जैनमुनियों द्वारा लिखित था।
- वज्रसेन सूरिकृत :- भरतेश्वर बाहुबलि घोर, शालिचंन्द्र सूरि कृत :- भरतेश्वर बाहुवलिरास प्राचीन राजस्थानी ग्रन्थ हैं, जो जैन साहित्य के स्रोत है।
- कालान्तर में बृद्धिरास, जंबूस्वामी चरित, आबरास, स्थूलिभद्ररास, रेवंत गिरिरास, जीवदयारासु तथा चन्दनबाला रास आदि ग्रन्थों की रचना हुई थी।

(3) संत साहित्य :-

- राजस्थान के साहित्यिक विरासत में संत साहित्य का महत्वपूर्ण स्थान मिलता है।
- भक्ति आन्दोलन के समय दादू पंथियों और राम स्नेही सम्प्रदाय के सन्तों ने संत साहित्य का सृजन किया था।
- इसके अतिरिक्त मीराबाई के पद, महाकवि वृंद के दोहे, नाभादास कृत वैष्णव भक्तों के जीवन चरित, पृथ्वीराज
 राठौड़ (पीथल) कृत वेलिक्रिसन रूकमणी री, सुन्दर कुंवरी के राम रहस्य पद, तथा सुन्दरदास और जांभोजी की   रचनाएं आदि संत साहित्य के महत्वपूर्ण ग्रन्थ हैं।

(4) लोक साहित्य :-

- राजस्थान का लोक साहित्य भी समृद्व साहित्य है।
- इसके अन्तर्गत लोकगीत, लोक गथाएं, लोक नाटय, पहेलियाँ, प्रेम कथाएँ और फडें आदि आते है।
- तीज, त्यौहार, विवाह, जन्म, देव पूजन और मेले अधिकतर गीत लोक साहित्य का भाग हैं।
- राजस्थान में ‘फड’ का प्रचलन भी हैं, जो लोक साहित्य के अंतर्गत आते है।
* किसी कपड़े पर लोक देवता का चित्रण कर उसके माध्यम से ऐतिहासिक व पौराणिक कथा का प्रस्तुतिकरण किया जाना ‘फड़’ कहलाता है।
- देवनारायण महाराज की फड़, बापूजी री फड़ आदि इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

* विधा की दृष्टि से राजस्थानी साहित्य को दो भागों में बाँटा जा सकता है- 

 (1) पद्य साहित्य :-

- पद्य साहित्य के अंतर्गत दूहा, सोरठा, गीत, कुण्डलियाँ, छंद छप्पय आदि आते हैं।

 (2) गद्य साहित्य :-  

- गद्य साहित्य के अन्तर्गत वात, वचनिका, ख्यात दवावैत, वंशावली, पटृावली, पीढ़ियावली, दफ्तर, विगत एवं हकीकत आदि आते हैं।
 

* राजस्थानी साहित्य की प्रमुख पुस्तकें :- 

- पदमनाभकृत :- कान्हडदे प्रबन्ध
- दुरसा आढ़ा कृत :-किरतार बावनी
- हरिदास भार कृत :- अजीतसिंह चरित
- उदयराम बारठ कृत :- अवधान
- ईसरदास कृत :- हाला झाला री कुण्डलियाँ
- भांड़ड व्यास कृत :- हमीरायण
- दलपति विजया या दौलत विजय कृत :- खुमांण रासो
- नरपति नाल्ह कृत :- बीसलदेव रासो
- बीठलदास कृत :- रूकमणिहरण
- कवि धर्म कृत :- जम्बूस् वामीरास,
- कविराज मुरारिदास कृत :- डींगक कोश
- हरराजकृत :- ढो़ला मारवाडी़
- चंद दादी कृत :- ढो़ला मारूरा दोहा
- बांकीदास कृत :- बांकीदास री ख्यात
- श्यामलदास कृत :- बीरविनोद
- शिवदास कृत :- गजगुणरूपक
- अमरनाथ जोगी कृत :- रालालैंग

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1 comment:

  1. Nice article, thank you for sharing wonderful information. I am happy to found your blog on the internet.
    You can also check - History of Rajasthan in Hindi

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