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Saturday, October 10, 2020

Turks invade India (तुर्कों का भारत पर आक्रमण) Indian History ! For Scc, Bank, Police, UPSC etc..

तुर्कों का भारत पर आक्रमण(Turks invade India)

* अरबों के बाद भारत पर तुर्कों ने आक्रमण किया था।

(1.) अलप्तगीन(Unmarked) :-

- अलप्तगीन समनी वंश के शासक अबुल मलिक का ग़ुलाम था। उसकी प्रतिभा और सैनिक गुणों से प्रभावित होकर अबुल मलिक ने उसे खुरासान का गवर्नर नियुक्त कर दिया था।
- जब अबुल मलिक की मृत्यु हुई, तब अलप्तगीन ने अफ़ग़ानिस्तान के पास एक नया राज्य स्थापित किया और ग़ज़नी को अपनी राजधानी बनाया।
- यह गजनी साम्राज्य यामिनी वंश/गजनी वंश का संस्थापक था।

(2.) सुबुक्तगीन(Subuktagin) :-

- सुबुक्तगीन (977-997) ग़ज़नी की गद्दी पर अलप्तगीन की मृत्यु के बाद बैठा था। 
- प्रारंभ में वह एक ग़ुलाम था, जिसे अलप्तगीन ने ख़रीद लिया था। 
- अपने ग़ुलाम की प्रतिभा से प्रभावित होकर अलप्तगीन ने उसे अपना दामाद बना लिया था और 'अमीर-उल-उमरा' की उपाधि से उसे सम्मानित किया गया।
- सुबुक्तगीन भारत पर आक्रमण करने वाला पहला तुर्क शासक था।
- इसने 986 ई. में जयपाल(शाही वंश के राजा) पर आक्रमण किया और पराजित किया। जयपाल का राज्य सरहिन्द से लमगान(जलालाबाद) और कश्मीर से मुल्तान तक फैला हुआ था। 
- शाही शासकों की राजधानी क्रमशः ओंड, लाहौर और भटिण्डा थी।

(3.) महमूद गजनवी(Mahmud Ghaznavi)

- उपाधि :- गजनवी ने सुल्तान, यामीन-उद्दौला तथा ‘अमीन-ऊल-मिल्लाह’ की उपाधि धारण की | 
- महमूद गजनवी का जन्म 1 नवंबर 971 ई. को हुआ था।
- महमूद गजनवी सुबुक्तगीन का पुत्र था।
- 998 ई. में सुबुक्तगीन की मृत्यु के बाद महमूद गजनवी गजनी का शासक बना था।
- खलीफा अल-कादिर-बिल्लाह ने महमूद को ‘सम्मान का चोगा’ दिया और यमीन उद्दौला(साम्राज्य की दक्षिण भुजा), अमीन-उल-मिल्लत(धर्म संरक्षक) की उपाधियां प्रदान की थी।
- सुल्तान की उपाधि तुर्की शासकों ने प्रारंभ की थी। ग़ज़नवी को यह उपाधि बगदाद के खलीफा ने प्रदान की थी। 
- सुल्तान की उपाधि लेने वाला पहला शासक महमूद गजनवी था।

* मुहम्मद गजनवी के भारत पर आक्रमण(Muhammad Ghaznavi's invasion of India)

- इसने खैबर दर्रे से रास्ते से भारत पर प्रथम आक्रमण 1001 ई. में पंजाब के आस-पास के क्षेत्रों में किया था। 
- महमूद गजनवी का पहला आक्रमण हिन्दुशाही शासक जयपाल के विरूद्ध था।
- महमूद गजनबी ने 1001 ई. से 1027 ई. के बीच भारत पर 17 बार आक्रमण किए।
1.पंजाब का सीमावर्ती क्षेत्र, 2. पेशावर, 3.भटिण्डा, 4.मुल्तान, 5.मुल्तान, 6.वैहिद(पेशावर), 7.नारायणपुर(अलवर), 8.मुल्तान, 9.थानेश्वर, 10.नन्दन, 11. कश्मीर, 12. मथुरा व कन्नौज, 13. कालिंजर, 14. कश्मीर, 15. ग्वालियर व कालिंजर, 16. सोमनाथ मंदिर, 17. सिंध के जाट।

प्रथम आक्रमण :– 1001 ई.में हिन्दूशाही राजवंशके शासक जयपाल के विरूद्ध गजनवी ने आक्रमण किया था | जिसमें जयपाल पराजित होकर आत्महत्या कर लेता है।
- 1008 में आनंदपाल को पराजित किया।
- 1021 में उद्भांडपुर को जीत लिया था।
- 1013 में त्रिलोचनपाल को हराया।
- 1005 में भटिंडा (पंजाब) के शासक विजयराम को हराया।
- 1006 में मुल्तान को जीता और इसे अपने साम्राज्य में मिलाया।
- 1009 में नारायणपुर (अलवर) – व्यापारिक नगर पर आक्रमण किया।
- 1014 में थानेश्वर (हरियाणा) पर आक्रमण कर चक्रस्वामी मंदिर को नष्ट किया।
- 1018 -19 में मथुरा एवं कन्नौज पर आक्रमण किया।
- कन्नौज पर प्रतिहार शासक राज्यपाल का शासन था। महमूद के आक्रमण के समय राज्यपाल भाग गया था। सामंत विधाधर (चंदेल शासक ) ने राज्यपाल की हत्या कर दी थी।
- महमूद ने कालिंजर पर 1021 में आक्रमण किया था। इस समय कालिंजर का शासक विधाधर था, जो कालिंजर से भाग गया था।
- 1023 में पुनः कालिंजर पर आक्रमण किया तथा विधाधर से संधि कर ली थी। 
- 1025 में सोमनाथ पर महमूद गजनवी ने आक्रमण किया तथा यहाँ के लकङी के बने मंदिर को जला दिया था। इसी मंदिर को बाद में गुजरात के शासक भीम I ने पत्थरों व ईंटों से बनाया।
- 1027 में जाटों ने गजनवी पर आक्रमण किया यह आक्रमण गजनवी का भारत पर अंतिम आक्रमण था जो जाटों के विरुद्ध था।

* वैहिन्द की पहली लड़ाई - महमूद गजनवी एवं जयपाल(गजनवी की विजय)
* वैहिन्द की दूसरी लड़ाई - महमूद गजनवी एवं आनन्दपाल(गजनवी की विजय)
- महमूद गजनवी ने 1015 में कश्मीर पर आक्रमण किया परन्तु असफल रहा।
- महमूद गजनवी का सबसे चर्चित आक्रमण सोमनाथ के मन्दिर पर सन् 1025 में किया गया। महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया तथा शिव मन्दिर को नष्ट कर दिया और अपार धन संपदा लूटी।
- यह आक्रमण चालुक्य(सोलंकी) वंश के शासक भीम देव/भीम-1 के समय में हुआ। यह मन्दिर गुजरात प्रान्त के काठियावाड़ जिला में समुद्र तट पर स्थित था।
- सोमनाथ के आक्रमण में दो हिन्दुओं सेवन्तराय और तिलक ने उसका साथ दिया था।
- गजनवी के जाने बाद भीम-1 ने ही सोमनाथ मन्दिर का पुनर्निमाण करवाया।

प्रमुख इतिहासकार(Prominent historian)

- अलबरूनी :- अलबरूनी फारसी भाषा के लेखक थे जो महमूद गजनवी के साथ भारत आए प्रसिद्ध पुस्तक किताब उल हिन्द (तहकीक-ए-हिन्द) की रचना की।
- फिरदौसी :- ये फारसी कवि थे इन्होंने शाहनामा कहाकाव्य की रचना की थी।
- उत्बी :- इन्होने किताब-उल-यामिनी की रचना की  थी | 
- वैहाकी :- इन्होने तारीख-ए-सुबुक्तगीन की रचना की थी | 

मुहम्मद गोरी(Muhammad Ghori)

- भारत में मुसलमानों के साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक मुइजुद्दीन मुहम्मद-बिन साम था, जिसे शहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी अथवा गुर वंश का मुहम्मद कहा जाता है।
- अफगानिस्तान में गजनी वंश के पतन के बाद ‘गोरी कबीले’ की स्थिति मजबूत हुई। मुहम्मद गोरी इस कबीले का शासक था | 
- मुहम्मद गोरी शंसवानी वंश का शासक था।
- मुहम्मद गोरी का भारत पर आक्रमण करने का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम राज्य की स्थापना करना था।
- मुहम्मद गोरी का भारत पर प्रथम आक्रमण 1175 ई. में मुल्तान पर था।
- उस समय मुल्तान का शासक राजा दाऊद था। गोरी ने उसे पराजित कर दिया।
- 1178 ई. के गुजरात आक्रमण में गुजरात के शासक भीम-2 ने मुहम्मद गोरी को बुरी तरह पराजित किया था।
भीम-2 बघेला वंश के शासक थे जिनकी राजधानी अन्हिलवाड़ा था।
* तराइन का प्रथम युद्ध(1191 ई.) - मुहम्मद गोरी एवं पृथ्वीराज-3(पृथ्वीराज चौहान) के मुध्य(पृथ्वीराज चौहान विजय)।
* तराइन का द्वितीय युद्ध(1192 ई.) - मुहम्मद गौरी एवं पृथ्वीराज-3(पृथ्वीराज चौहान) के मध्य(मुहम्मद गोरी विजय)।
- मुहम्मद गोरी को भारत में मुस्लिम साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।

- चंदावर का युद्ध(1194 ई.) - मुहम्मद गोर एवं जयचन्द के मध्य(मुहम्मद गोरी की विजय)।
- मुहम्मद गोरी भारत में गोमल दर्रे को पार करके आया था।
- कन्नौज विजय के पश्चात् मुहम्मद गोरी के सिक्कों पर देवी लक्ष्मी की आकृति बनी है। तथा मुहम्मद गोरी का नाम मुहम्मद बिन साम अंकित था।
- मुहम्मद गोरी के सेनापति बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को हानि पहुंचायी थी।
- मोहम्मद गौरी ने इन्द्रप्रस्थ नगर में सैन्य टुकड़ी की एक सिविर डाकर भारत में जीते हुए क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कुतुबुद्दीन ऐबक को सौंप कर गजनी चला गया।
- 1206 ई. में खोखरों ने मुहम्मद गोरी की हत्या कर दी।


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