राजस्थान की प्रमुख छतरिया (Major Chattariya of Rajasthan) For Rajsthan Police, Patwar, Reet etc. - JANGIR ACADEMY | Online Study Portal

Wednesday, September 9, 2020

राजस्थान की प्रमुख छतरिया (Major Chattariya of Rajasthan) For Rajsthan Police, Patwar, Reet etc.

राजस्थान की प्रमुख छतरिया (Major Chattariya of Rajasthan)

राजस्थान की प्रमुख छतरिया (Major Chattariya of Rajasthan)




इस पोस्ट में राजस्थान की प्रमुख छतरियों का विस्तृत वर्णन किया गया है | छतरियों के बारे में राजस्थान की लगभग हर एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते है जैसे कि राजस्थान पुलिस, पटवार,रीट,एसआई आदि |     


1. 84 खम्बों की छतरी

देवपुरा गांव के निकट स्थित है (बूंदी) ।
- इसका निर्माण राव अनिरुद्ध सिंह ने अपने भाई देवा की याद में 1740 में कराया ।
- यह तीन मंजिला छतरी 84 खम्भों पर स्थित है ।
- यह छतरी भगवान शिव को समर्पित है।


2. मुसी रानी की छतरी

- मुसी रानी की छतरी अलवर के महल के पास सरोवर के किनारे स्थित है ।
- मुसी रानी की छतरी का निर्माण महाराजा बख्तावरसिंह एवं उनकी रानी मूसी की याद में विनयसिंह के द्वारा  करवाया गया था ।
- इसकी निचली मंजिल लाल पत्थर एवं उपरी मंजिल सफ़ेद पत्थर से बनी हुई है ।
- यह 19वीं सदी के राजपूत स्थापत्य कला का एक नमूना है ।
- इसे 80 खम्भों की छतरी भी कहा जाता है ।

3. गैटोर की छतरियाँ

- यह जयपुर के पास गैटोर में स्थित है ।
- यह छतरियां पंचायन शैली में बनी हुई है ।
- यह जयपुर के शाही शमशान स्थल है, जहाँ जयपुर के राजाओं की छतरिया बनी हुई है ।
- यह छतरियाँ, सवाई जयसिंह से प्रारम्भ होती है ।
- यहाँ जयपुर के सभी राजाओं की छतरियों है, सिवाय सवाई ईश्वर सिंह के जिनकी छतरी चन्द्रमहल (सिटी पैलेस) में बनी हुई है ।


4. सवाई ईश्वर सिंह की छतरियाँ

- ये चन्द्रमहल (सिटी पैलेस) के जयनिवास उद्यान में स्थित है ।
- इसका निर्माण सवाई माधोसिंह ने करवाया।

5. जसवंत थड़ा

- जोधपुर दुर्ग (मेहरानगढ़) के पास ही सफ़ेद संगमरमर का एक स्मारक बना है जिसे जसवंत थड़ा कहते है।
- इसे सन 1899 में जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह जी (द्वितीय)(1888-1895) की यादगार में उनके उत्तराधिकारी महाराजा सरदार सिंह जी ने बनवाया था।
- जसवंत थड़ा, जोधपुर राजपरिवार के सदस्यों के दाह संस्कार के लिये स्थान है ।
- जसवंत थड़े के पास ही महाराजा सुमेर सिह जी, महाराजा सरदार सिंह जी, महाराजा उम्मेद सिंह जी व महाराजा हनवन्त सिंह जी के स्मारक बने हुए हैं।


6. मंडोर की छतरिया

- मंडोर (जोधपुर) में जसवंत-II के पूर्व के शाशकों की छतरियां स्थित है।
- यहाँ सबसे बड़ी छतरी अजित सिंह की है।

7. महासतिया

- महासतिया उदयपुर में आहड़ नामक जगह पर है।
- महाराणा प्रताप के बाद बनने वाले राजाओं की छतरिया यहाँ पर स्थित है।
- यहाँ पहली छतरी महाराणा अमरसिंह की है।

8. देवी कुण्ड की छतरियाँ

- यह बीकानेर के शाही शमशान स्थल है, जहाँ बीकानेर के राजाओं की छतरिया स्थित  है।
- कल्याण सागर के किनारे स्थित इन छतरियों में रायसिंह एवं बीकाजी की छतरियाँ प्रमुख है ।

9. केसर बाग की छतरियाँ

- ये छतरियाँ बूंदी में स्थित है।
- यह बूंदी के शाही शमशान स्थल है, जहाँ बूंदी के राजाओं की छतरिया स्थित है।

10. बड़ा बाग की छतरियां

- जैसलमेर में स्थित है।
- यहां भाटी शासकों की छतरियां स्थित है।

11. क्षारबाग की छतरियां

- कोटा में स्थित है।
- यहां हाड़ा शासकों की छतरियां स्थित है।

12. देवकुण्ड की छतरियां

- रिड़मलसर (बीकानेर) में स्थित है।
- राव बीकाजी व रायसिंह की छतरियां प्रसिद्ध है।

13. छात्र विलास की छतरी

- कोटा में स्थित है।

14. केसर बाग की छतरी

- बूंदी में स्थित है।

15. जसवंत थड़ा

- जोधपुर में स्थित है।
- सरदार सिंह द्वारा निर्मित है।

16. रैदास की छतरी

- चित्तौड़गढ में स्थित है।

17. गोपाल सिंह यादव की छतरी

- करौली में स्थित है।

18. 8 खम्भों की छतरी

- बांडोली (उदयपुर) में स्थित है।
- यह वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की छतरी है।

19. 32 खम्भो की छतरी

- राजस्थान में दो स्थानों पर 32-32 खम्भों की छतरियां है।
- मांडलगढ (भीलवाड़ा) में स्थित 32 खम्भों की छतरी का संबंध जगन्नाथ कच्छवाहा से है।
- रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) में स्थित 32 खम्भों की छतरी हम्मीर देव चौहान की छतरी है।

20. 80 खम्भों की छतरी

- अलवर में स्थित हैं
- यह छतरी मूसी महारानी से संबंधित है।

21. 16 खम्भों की छतरी

- नागौर में स्थित हैं
- यह अमर सिंह की छतरी है। ये राठौड वंशीय थे।

22. टंहला की छतरीयां

- अलवर में स्थित हैं।

23. आहड़ की छतरियां

- उदयपुर में स्थित हैं
- इन्हे महासतियां भी कहते है।

24. राजा बख्तावर सिंह की छतरी

- अलवर में स्थित है।

25. राजा जोधसिंह की छतरी

- बदनौर (भीलवाडा) में स्थित है।

26.    मानसिंह प्रथम की छतरी

- आमेर (जयपुर) में स्थित है।

27. 06 खम्भों की छतरी

- लालसौट (दौसा) में स्थित है।

28. गोराधाय की छतरी

- जोधपुर में स्थित हैं।
- अजीत सिंह की धाय मां की छतरी है।

29. जोगीदास की छतरी

 - उदयपुर वाटी (झुंझुनू) में, भित्तिचित्रण के लिए प्रसिद्ध

30. अन्य प्रमुख छतरियां

- चेतक की समाधी = हल्दीघाटी के निकट बलीचा गांव में
- रैदास की छतरी = चित्तौड़गढ़ दुर्ग में
- मामा भांजा की छतरी = मेहरानगढ़ दुर्ग में
- उड़ना राजकुमार की छतरी = कुम्भलगढ़ दुर्ग में
- दुर्गादास की छतरी = उज्जैन के निकट शिप्रा नदी के तट पर
- बोहरा भगत की छतरी = करौली के कैलादेवी मंदिर के पास
- मूमल की मेढ़ी = लोद्रवा में काक नदी के तट पर, राजकुमारी मूमल (भाटी वंश) की याद में
- नटनी का चबूतरा = पिछोला झील के किनारे, उदयपुर में स्थित

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