अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(International Monetary Fund-IMF)
मुख्यालय : वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य
स्थापना : जुलाई, 1944
सदस्य देश : 187 देश
प्रबंध निदेशक : क्रिस्टीन लेगार्ड(जर्मनी)
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF):-
- एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखती है।
- यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
- यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है।
-आईएमएफ की विशेष मुद्रा एसडीआर (स्पेशल ड्राइंग राइट्स) है।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्त के लिए कुछ देशों की मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है, इसे एसडीआर कहते हैं। एसडीआर में यूरो, पाउंड, येन और डॉलर हैं।
- विभिन्न देशों के 45 प्रतिनिधियों ने अमेरिका के ब्रिटेन वुड्स में बैठक कर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक समझौते की रूपरेखा तैयार की थी।
* 27 Dec 1945 को 29 देशों के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद आईएमएफ की स्थापना हुई थी।
- आईएमएफ का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुरक्षित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है।
- कोई भी राष्ट्र आईएमएफ की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। पहले यह आवेदन आईएमएफ के कार्यपालक बोर्ड द्वारा विचाराधीन भेजी जाती है। इसके बाद कार्यकारी बोर्ड, बोर्ड ऑफ गर्वनेस को उसकी संस्तुति के लिए भेजता है। वहां स्वीकृत होने पर सदस्यता मिल जाती है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष का बुनियादी मिशन अंतर्राष्ट्रीय तंत्र में स्थिरता रखना है। कोष यह काम तीन तरीके से करता है :
1. वैश्विक अर्थव्यवस्था और सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर निगरानी रखकर
2.भुगतान संतुलन में कठिनाई वाले देशों को ऋण देकर
3.सदस्यों को व्यावहारिक सहायता देकर।
- फोकस के क्षेत्र: सदस्य देशों की आर्थिक और वित्तीय नीतियों की निगरानी; वित्तीय सहायता; तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण
भारत में उपस्थिति: 1991 से
स्थान: नई दिल्ली, भारत
नोडल मंत्रालय: वित्त मंत्रालय
nice post | thanks for this post
ReplyDeleteplz read this article. भारत की आजादी का इतिहास हमारे देश को आजाद कराने के लिए 1857 ईसवी में सबसे पहला विद्रोह हुआ