बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का जीवन (27 जून 1838 - 8 अप्रैल 1894) - JANGIR ACADEMY | Online Study Portal

Thursday, April 8, 2021

बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का जीवन (27 जून 1838 - 8 अप्रैल 1894)

 Life of Bankim Chandra Chattopadhyay (27 June 1838 - 8 April 1894)


Life of Bankim Chandra Chattopadhyay (27 June 1838 - 8 April 1894)


पूरा नाम:            बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय
जन्म:            26 जून, 1838
जन्म भूमि:    बंगाल के 24 परगना ज़िले के कांठल पाड़ा नामक गाँव में
मृत्यु:                   8 अप्रैल, 1894
कर्म भूमि:     भारत
कर्म-क्षेत्र:            साहित्य
मुख्य रचनाएँ:    आनंदमठ, 'कपाल कुण्डली', 'मृणालिनी' आदि।
भाषा:                   हिन्दी, अंग्रेज़ी, बांग्ला, संस्कृत
विशेष योगदान:    राष्‍ट्रीय गीत के रचयिता
नागरिकता:    भारतीय


वर्ष 2021 को बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की 127 वी पुण्यतिथि है | बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था|


भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्'  के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय या बंकिमचन्द्र चटर्जी का जन्म चौबीस परगना के कंठालपाड़ा, नैहाटी (बंगाल) में एक परंपरागत व समृद्ध परिवार में हुआ था| बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार व पत्रकार तथा रवीन्द्रनाथ ठाकुर के आदर्श बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को भारत के एलेक्जेंडर ड्युमस कहा जाता हैं|


ब्रिटिश हुक्मरानों द्वारा ब्रिटेन के राष्ट्र गीत ‘God! Save the Queen’ को भारत के हर समारोह में गाना अनिवार्य करने से आहत बंकिमचंद्र ने वर्ष 1875-76 में 'वन्दे मातरम्' गीत लिखा जिसे बाद में आनंदमठ नामक उपन्यास में शामिल किया गया| यह देशभक्ति गीत कांग्रेस के प्रांतीय तथा 1905 में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में गाया गया था | यही गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रान्तिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत बनता चला गया|


शिक्षा व कार्य :

- वर्ष 1857 में बंकिमचंद्र कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक करने वाले पहले भारतीय थे| 
- 1869 में कानून की डिग्री लेने के बाद डिप्टी मजिस्ट्रेट के पद पर नियुक्त हुए| 
- बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने वर्ष 1872 में मासिक पत्रिका बंगदर्शन का प्रकाशन किया।

रचनाएँ व उपन्यास :

- बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की पहली रचना अंग्रेजी में प्रकाशित ‘राजमोहन्स वाइफ’ थी तो पहली बांग्ला कृति 1865 में छपी 'दुर्गेशनंदिनी' थी| 
- बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय के दूसरे उपन्यास कपालकुंडला (1866) को उनकी सर्वाधिक रूमानी रचनाओं में से एक माना जाता है| 
- बंगदर्शन पत्रिका में उन्होंने विषवृक्ष (1873) उपन्यास का क्रमिक रूप से प्रकाशन किया था| 
- चटर्जी का अंतिम उपन्यास सीताराम (1886) था| 
- अन्य उपन्यास में कृष्णकांतेर दफ्तर, मृणालिनी, इंदिरा, राधारानी, देवी चौधरानी, मोचीराम गौरेर जीवनचरित, आनंदमठ इत्यादि शामिल है| 
- चटर्जी की कविताएं ‘ललिता ओ मानस’ नामक संग्रह में प्रकाशित हुई थी| उन्होंने धर्म, सामाजिक व समसामायिक मुद्दों पर आधारित कई निबंध भी लिखे हैं|






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