World Bank (विश्व बैंक) अंतर्राष्ट्रीय संस्था, World Gk for UPSC, SSC, Bank, Patwar, SI, RAS ! - JANGIR ACADEMY | Online Study Portal

Thursday, January 7, 2021

World Bank (विश्व बैंक) अंतर्राष्ट्रीय संस्था, World Gk for UPSC, SSC, Bank, Patwar, SI, RAS !

World Bank (विश्व बैंक) World Gk

World Bank (विश्व बैंक) अंतर्राष्ट्रीय संस्था, World Gk for UPSC, SSC, Bank, Patwar, SI, RAS !


- स्थापना   : जुलाई 1944 
- मुख्यालय : वॉशिंगटन, डी॰ सी. , (US)
- सदस्यता  : 189 देश  
- C.E.O.   : अंशुला कांत
- President : डेविड माल्पास
- सिद्धांत : वर्किंग फॉर ए वर्ल्ड फ्री ऑफ़ पोवर्टी
- प्रकार : मौद्रिक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठन  

विश्व बैंक ( world bank ) इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निमाण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है। विश्व बैंक समूह पांच अन्तर राष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो सदश्य देशों को वित्त और वित्तीय सलाह देता है।

- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) के दौरान हुई थी। ये दोनों संस्थाओ को ब्रेटन वुड्स की संतान कहा जाता है | 

- ब्रेटन वुड्स सम्मेलन को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन (United Nations Monetary and Financial Conference) के रूप में जाना जाता है।  22 जुलाई, 1944 तक 44 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मलेन में शामिल हुए थे। इसका तात्कालिक उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध और विश्वव्यापी संकट से जूझ रहे देशों का सहयोग करना था।

* अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक को ही विश्व बैंक कहा जाता है।
* विश्व बैंक का सदस्य बनने के लिये किसी भी देश को पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम का सदस्य बनना ज़रूरी होता है।

विश्व बैंक व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में अंतर : 

1. विश्व बैंक केवल विकासशील देशों को ऋण देता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के संसाधनों का इस्तेमाल निर्धन राष्ट्रों के साथ-साथ धनी देश भी कर सकते हैं। 
2.  विश्व बैंक नीति सुधार कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिये ऋण देता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष केवल नीति सुधार कार्यक्रमों के लिये ही ऋण देता है।


विश्व बैंक समूह पाँच अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो सदस्य देशों को आर्थिक-वित्तीय सहायता और वित्तीय सलाह देता है :- 

1. पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) : स्थापना वर्ष - 1944 ,सदस्य- 189 देश

2. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation-IFC) : स्थापना वर्ष - 1956, सदस्य- 184 देश

3. अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association-IDA) : स्थापना वर्ष - 1960, सदस्य- 173 देश

4. निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Centre for Settlement of Investment Disputes-ICSID) : स्थापना वर्ष - 1966 

5. बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (Multilateral Investment Guarantee Agency-MIGA) : स्थापना- 12 अप्रैल, 1988, सदस्य - 179 देश 


विश्व बैंक समूह की सदस्यता के नियम : 

1. IBRD के आर्टिकल्स ऑफ एग्रीमेंट के तहत बैंक का सदस्य बनने के लिये किसी देश को पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में शामिल होना अनिवार्य है।
2. IBRD की सदस्यता मिलने पर ही IDA, IFC और MIGA की सदस्यता मिलती है।
3. ICSID में सदस्यता IBRD के सदस्यों के लिये उपलब्ध होती है, किंतु जो IBRD के सदस्य नहीं हैं, लेकिन पार्टी ऑफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के सदस्य हैं, उन्हें ICSID प्रशासनिक परिषद के आमंत्रण पर अपने सदस्यों के दो-तिहाई वोट का समर्थन मिलने पर ही सदस्यता दी जाती है

विश्व बैंक समूह और भारत के संबंद : 

- भारत ब्रेटन वुड्स में किये गए समझौतों के मूल हस्ताक्षरकर्त्ताओं में से एक था, जिसने इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)) की स्थापना की थी।

- भारत वर्ष 1956 में IFC और 1960 में IDA के संस्थापक सदस्यों में भी शामिल था।

- भारत जनवरी वर्ष 1994 में MIGA का सदस्य देश बना।

- भारत ICSID का सदस्य नहीं होने के पीछे भारत का तर्क है कि ICSID कन्वेंशन निष्पक्ष नहीं है और इसके नियम विकसित देशों के पक्ष में झुके हुए हैं।

- वर्ष 1949 में भारतीय रेल को ऋण देने के साथ IBRD द्वारा भारत को ऋण देने की शुरुआत हुई तथा वर्ष 1959 में भारत में IFC और वर्ष 1961 में IDA द्वारा पहला निवेश एक राजमार्ग निर्माण परियोजना पर किया गया।

विश्व बैंक के IBRD से सबसे अधिक ऋण भारत ने लिया है। 2015 से 2018 के बीच विश्व बैंक ने भारत को लगभग $ 10.2 बिलियन का ऋण दिया है।

- विश्व बैंक समूह ने 2019-22 की अवधि में भारत के लिये 25-30 बिलियन डॉलर की योजनाओं हेतु ऋण प्रतिबद्धताओं को मंज़ूरी दी है।


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