राजस्थान के प्रमुख त्यौहार (Major festivals of Rajasthan)
इस पोस्ट में राजस्थान की प्रमुख त्यौहारौ का विस्तृत वर्णन किया गया है | त्यौहारौ के बारे में राजस्थान की लगभग हर एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते है जैसे कि राजस्थान पुलिस, पटवार,रीट,एसआई आदि |
आगामी समय में राजस्थान लेवल की सभी एग्जाम के लिए ये टॉपिक काफी महत्वपूर्ण है। ......
(1) अक्षय तृतीया/आखा तीज (वैषाख शुक्ल तृतीया)
- इस दिन से सतयुग व त्रेता युग का आरम्भ माना जाता है। इसे आखा तीज भी कहते है।- इस दिन राजस्थान में सर्वाधिक बाल-विवाह होते है।
(2) घींगा गंवर गणगौर (वैषाख कृष्ण तीज)
- धींगा गंवर बैंत मार मेला जोधपुर में आयोजित होता है।(3) वैषाख पूर्णिमाः-
- इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।- इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।
(4) वट सावित्री पर्व व्रत / बड़मावस (ज्येष्ठ अमावस्या)
- इस दिन बरगद की पूजा की जाती है।- इस व्रत से स्त्री को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
(5) धुलण्डी {चैत्र कृष्ण एकम् (रंगो का पर्व)}
- होली के दूसरे दिन धुलण्डी मनायी जाती है।- इस दिन होली की राख की वंदना की जाती है, व रंग, गुलाल आदि से होली खेलते है।
(6) करवा चैथ (कार्तिक कृष्ण चतुर्थी)
(7) अहोई अष्टमी (कार्तिक कृष्ण अष्टमी)
- स्याऊं माता की पूजा की जाती है।
- इस दिन पुत्रवती स्त्रियां निर्जल व्रत करती है।
(8) तुलसी एकादशी (कार्तिक कृष्ण एकादशी)
(9) धनतेरस (कार्तिक कृष्ण श्रयोदशी)
- धनतेरस आयुर्वेदाचार्य धन्वतरी की स्मृति में मनाया जाता है।
- यमराज की पूजा की जाती है।
(10) गणगौर (चैत्र शुक्ल तृतीया)
- यह गणगौर, शिव व पार्वती के अखंड प्रेम का प्रतीक पर्व है।- गणगौर से पूर्व (1 दिन) सिंजारा भेजा जाता है।
- इस दिन कुँवारी कन्याएं मनपसंद वर प्राप्ति का तथा विवाहित स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य की कामना करती है।
- जयपुर की गणगौर प्रसिद्ध है।
- बिना ईसर की गणगौर जैसलमेर की प्रसिद्ध है।
- इस त्यौहार से त्यौहारों की समाप्ति मानी जाती है।
(11) रामनवमी (चैत्र शुक्ल नवमी)
- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मदिवस के रूप में यह त्यौहार मनाया जाता है।- इस दिन रामायण का पाठ किया जाता है।
(12) नाग पंचमी – श्रावण कृष्ण पंचमी
- यह नागों का त्यौहार है इस दिन सर्प की पूजा की जाती है।- इस दिन मण्डोर (जोधपुर) में तीरपुरी का मेला भरता है।
(13) हरियाली अमावस्या (श्रावण अमावस्या)
- हरियाली अमावस्या मेंला/ कल्पवृक्ष मेला इसी दिन मांगलियावास (अजमेर) में भरता है।- छोटी तीज/झूला तीज/श्रावणी तीज/हरियाली
(14) तीज (श्रावण शुक्ल तीज)
- तीज की सवारी के लिए जयपुर प्रसिद्ध है।- इस दिन से त्यौहारों का आगमन माना जाता है।
(15) रक्षाबंधन (श्रावण पूर्णिमा)
- इसे नारियल पूर्णिमा भी कहते है।(16) कजली तीज/बडी तीज/सातुडी तीज (भाद्र कृष्ण तीज)
- कजली तीज बूंदी की प्रसिद्ध है।- यह त्यौहार स्त्रियों द्वारा सुहाग की दीर्घायु व मंगलकामना के लिए मनाया जाता है।
(17) जन्माष्टमी (भाद्र कृष्ण अष्टमी)
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस होता है।- यह पर्व पूर्वी क्षेत्र में लोकप्रिय है।
(18) गोगानवमी (भाद्रपद कृष्ण नवमी)
- इस दिन हनुमागढ़ जिले में गोगामेड़ी नामक स्थान पर मेला भरता है।(19) बच्छब्बारस (भाद्रपद कृष्ण द्वादषी)
- इस दिन पुत्रवती स्त्रियां पुत्र की मंगलकामना के लिए व्रत करती है।- बछडे की पूजा की जाती है।
(20) गणेश चतुर्थी (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी)
- इस दिन रणथम्भौर (सवाईमाधोपुर) में इस दिन मेला भरता है।- यह महाराष्ट्र का प्रमुख त्यौहार है।
- महाराष्ट्र में इसकी शुरूआत बाल गंगाधर तिलक द्वारा की गई।
(21) राधाष्टमी (भाद्रपद शुक्ल अष्ठमी)
- इस दिन निम्बार्क सम्प्रदाय का मेला सलेमाबाद (अजमेर) में भरता है।(22) देव झुलनी/जल झुलनी एकादशी (भाद्रपद शुक्ल एकादशी)
- बेवाण, पर देवताओं की सवारी निवाली जाती है।- सांवलिया जी का मेला मण्डफिया से इसी दिन भरता है।
(23) नवरात्र (आश्विन शुक्ल एकम् से शुक्ल नवमी तक)
- शारदीय नवरात्रे कहलाते है।(24) दुर्गाष्टमी (आश्विन शुक्ल अष्टमी)
- बंगाल (भारत) व बागड़ (राजस्थान) में इस दिन मेले भरते है।(25) शीतलाष्टमी (चैत्र कृष्ण अष्टमी)
- इस दिन शीतलामाता की पूजा की जाती है। व ठंडा भोजन किया जाता है।- चाकसू (जयपुर) में शीतला माता का मेला भरता है।
- मारवाड में घुड़ला पर्व इस दिन मनाया जाता है।
(24) वर्ष प्रतिपदा/नवसवत्सर (चैत्र शुक्ल एकम्)
- विक्रमादित्य मेला इसी दिन भरता है।- हिंदुओ का नववर्ष इसी दिन प्रारम्भ होता है।
- इस दिन गुड़ी पड़वा का त्यौहार भी मनाया जाता है।
(25) नवरात्र (चैत्र शुक्ल एकम् से चैत्र शुक्ल नवमी तक)
- चैत्र मास के नवरात्रे, बसन्तीये नवरात्र कहलाते है।- अश्विन मास के नवरात्रे शरदीय/केसूला नवरात्र कहलाते है।
(26) दशहरा (आश्विन शुक्ल दशमी)
- इसे विजयदशमी भी कहते है।- इस दिन खेजड़ी वृक्ष की पूजा की जाती हैं |
- कोटा का दशहरा मेला प्रसिद्ध है।
- कोटा में दशहरे मेले की शुरूआत माधोसिंह हाडा ने की।
(27) शरद पूर्णिमा (आश्विन पूर्णिमा)
- इस दिन चन्द्रमा अपनी सौलह कलाओं से परिपूर्ण होता है।- मेवाड़ में इस दिन मीरा महोत्सव मनाया जाता है।
- सालासर (चूरू) मेला भी इसी दिन भरता है।
(28) रूप चतुर्दषी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दषी)
- इसे छोटी दीपावली भी कहते है।- इस पर्व का सम्बंध स्वच्छता व सौन्दर्य से है।
(29) दीपावली (कार्तिक अमावस्या)
- हिंदुओ का सबसे बड़ा त्यौहार है।- इस दिन भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या में लौटे थे।
(30) गोवर्धन पूजा (कार्तिक शुक्ल एकम्)
- इस दिन नाथद्वारा (राजसमंद) मे अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है।Click Here To Read Current Affairs
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